फिर बसन्त की आहट आई हर जगह फ्योंली मुस्काई फिर बसन्त की आहट आई हर जगह फ्योंली मुस्काई
प्रकृति और मनुष्य का साहचर्य प्रकृति और मनुष्य का साहचर्य
कोरोना महामारी को है हराना, तो अपनानी पड़ेगी ये तन्हाई। कोरोना महामारी को है हराना, तो अपनानी पड़ेगी ये तन्हाई।
बहुत हो चुकी छेड़खानी प्रकृति से कुछ तो खामियाजा चुकाना पड़ेगा, बहुत हो चुकी छेड़खानी प्रकृति से कुछ तो खामियाजा चुकाना पड़ेगा,
रंग सुनहरा निखरा है धरती की प्याली का ऐ कुदरत तेरा शुक्रिया जो फैलाया आँचल हरियाली का। रंग सुनहरा निखरा है धरती की प्याली का ऐ कुदरत तेरा शुक्रिया जो फैलाया आँचल हरिय...
हम तो अकेले थे बने रहने देते अधूरा साथ मुझको देते क्यों रहे। हम तो अकेले थे बने रहने देते अधूरा साथ मुझको देते क्यों रहे।